जम्होर थाने के मोरडिहरी गांव के ग्रामीणों के आंख से शुक्रवार रात्रि आक्रोश के आंसू छलक रहे थे। पुलिस के खिलाफ सभी आक्रोशित थे। ग्रामीण बोले जा रहे थे कि जब रक्षक ही इज्जत नीलाम करने लगेगा तो आमजन का क्या होगा। ग्रामीणों के आक्रोश का कारण भी दिखा। ग्रामीणों की मानें तो जम्होर थाने में पदस्थापित एएसआई महेन्द्र मंडल ने थाने आने जाने वाली महिला से पहले संबंध बनाये और फिर गांव पहुंचे। ग्रामीणों ने जब रात्रि में एएसआई के गांव आने का विरोध किया तो महेन्द्र ने पुलिसिया रौब दिखाया। ग्रामीणों को धमकाया और झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। मुखिया अनिल कुमार, ग्रामीण अप्पू सिंह, गोलू कुमार, राधेश्याम सिंह की मानें तो एएसआई ने महिला से थाने में दो झूठे मुकदमे कराये। थानाध्यक्ष को विश्वास में लेकर स्वयं केस के अनुसंधानकर्ता बन गए। केस होने के बाद ग्रामीणों को जेल भेजने की धमकी देने लगे। एएसआई के भय से ग्रामीण घरों में दुबके रहे। ग्रामीणो की मानें तो एएसआई महिला के घर महीनों रात गुजारी। ग्रामीण कुछ बोलते तो गाली देते हुए जेल भेजने की धमकी देने लगते।
एएसआई के खौफ से ग्रामीण सहमे रहे। ग्रामीणों ने बताया कि एएसआई के आतंक की शिकायत वरीय अधिकारियों से की परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुआ। तीन दिन पहले एसपी डा. सिद्धार्थ ने एएसआई का तबादला जम्होर थाने से देवजरा पिकेट कर दिया। तबादला के बावजूद एएसआई जम्होर थाना में जमे रहे। शुक्रवार रात्रि मोर डिहरी गांव गए और ग्रामीणों को धमकाते हुए महिला के घर सो गए। ग्रामीणों ने इज्जत नीलाम होते देख एएसआई को महिला के घर से नग्नअवस्था में पकड़ा और पिटाई कर दी। आक्रोशित ग्रामीणों ने एएसआई के शरीर पर लात घूंसे की बरसात कर दी। एएसआई जान बचाने की गुहार लगाने लगा। महिला ने जब विरोध किया तो ग्रामीणों ने उसकी भी पिटाई कर दी। ग्रामीणों के आक्रोश का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि गांव पहुंचे पुलिस अधिकारियों से सैकड़ों महिलाएं उलझ पड़ीं।
रामकलिया देवी, संगीता देवी बोली 'पुलिस ने गांव की इज्जत नहीं रहने दी।' महिलाओं की मानें तो एएसआई हमेशा महिला के घर आते और रात गुजारते। पूरे घटनाक्रम की सूचना ग्रामीणों ने सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह को दी तो उन्होंने मामले में आला अधिकारियों को सूचना देकर त्वरित कार्रवाई कराई। फोन पर मंत्री ने बताया कि पुलिस का यह चेहरा सुशासन सरकार को बदनाम करने वाला है। ऐसे लोगों की सेवा बर्खास्त होनी चाहिए। उधर अस्पताल में इलाजरत महिला कमला (काल्पनिक नाम) देवी ने बताया कि साजिश के तहत हमें बदनाम किया गया है और एएसआई को फंसाया गया है। एएसआई रात्रि में मेरे घर केस की नकल देने आए थे। हमें इंसाफ चाहिए। इंसाफ के लिए मैं सीएम से लेकर डीजी तक का दरवाजा खटखटाउंगी। पूरे मामले की चर्चा शनिवार को होती रही।
महिला ने की मुखिया समेत पांच पर प्राथमिकी
ReplyDeleteOct 15, 07:27 pm
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औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता :
जम्होर थाना के मोरडिहरी गांव में ग्रामीणों की पिटाई से घायल महिला रुबी कुंवर ने प्राथमिकी दर्ज कराई है। मुखिया अनिल कुमार समेत पांच को नामजद अभियुक्त बनाया है। रुबी ने ग्रामीणों पर बेवजह पिटाई करने, एएसआई को हाथ पैर बांधकर मारने एवं हंगामा करने का आरोप लगाई है। अपने बयान में कहा है कि रामभजन सिंह, राधेश्याम सिंह, शैलेन्द्र सिंह, पिंटू सिंह एवं अनिल मुखिया ग्रामीणों के साथ मेरे घर पहुंचे और घर में रहे एएसआई के साथ हमें पीटा। बच्चों को पिटते हुए जान मारने की धमकी दी। महिला की माने तो एएसआई केश का नकल देने रात्रि में घर आए थे। रुबी ने पुलिस को बताया कि हमें हमारा हिस्सा नहीं मिल रहा है। मेरे पति स्व. वृजनंदन सिंह उर्फ वृजा सिंह पटना उच्च न्यायालय में अधिवक्ता थे। मैं उनकी दूसरी पत्नी हूं जिस कारण उनके परिजन हमें हिस्सा नहीं दे रहे हैं। इसी को लेकर रामभजन सिंह, राधेश्याम सिंह एवं शैलेन्द्र सिंह से विवाद चल रहा है। विवाद के कारण ही इस पूरे घटना को अंजाम दिया गया है। एसपी डा. सिद्धार्थ ने बताया कि महिला के बयान पर कांड संख्या 113/11 दर्ज की गई है। पुलिस पूरे मामले की तहकीकात कर रही है।
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