Sunday, 20 January 2013

पदाधिकारियों द्वारा दर्ज कराए गए रंगदारी के ऐसे मामले प्रथमदृष्टया संदेहात्मक और अविश्वसनीय प्रतीत होते हैं.

औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता : भ्रष्टाचार उन्मूलन समिति के सचिव सह मैनेजर अनिल कुमार मिश्र एवं सोन कमांड भूअर्जन के कर्मचारी अनिरुद्ध पाण्डेय रंगदारी के मामले में फंस गए हैं। दोनों के खिलाफ सोन योजना के उपसचिव सह विशेष भूअर्जन पदाधिकारी अमरनाथ साह ने रविवार को नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई है। अपने बयान में कहा है कि विभागीय कारणों से अनिरुद्ध का तबादला भभुआ कर दिया गया। तबादला के खिलाफ भ्रउस के सचिव ने मेरे मोबाइल फोन पर धमकी दिया। कहा कि तबादला रोकिए नहीं तो ठीक नहीं होगा। फोन पर पचास हजार रुपये रंगदारी की मांग की और कहा कि पैसा नहीं देने पर अपहरण करा देंगे। सचिव ने तरह-तरह के मुकदमा में फंसाने की धमकी दी है। उपसचिव के अनुसार कर्मचारी अनिरुद्ध पाण्डेय का तबादला रोकने के लिए मेरे कार्यालय के कर्मचारी मिलन सिंह को भी नगर थाना के सब्जी बाजार के पास सचिव ने धमकी दिया है। मिलन ने इसकी शिकायत हमसे की है। नगर थानाध्यक्ष राजकुमार पासवान ने बताया कि मामले में भादसं की धारा 384, 385, 506, 120 बी के तहत कांड संख्या 27/13 दर्ज किया गया है। कार्रवाई के लिए पुलिस मोबाइल का प्रिंट आउट निकलवा रही है। उधर भ्रउस के सचिव अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि उपसचिव का आरोप गलत है। वे किसानों का पैसा भुगतान नहीं कर रहे हैं। विभाग में हो रहे गलत कार्यो का विरोध कर रहा हूं तो दबाव बनाने के लिए प्राथमिकी दर्ज कराया है। मैने उपसचिव के खिलाफ दो माह पहले विभाग को पत्र एवं वकालतन नोटिस दिया हूं। उपसचिव हमें बदनाम करने की कोशिश में लगे हैं परंतु मैं अपना कार्य करता रहूंगा।

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