Dec 24, 09:39 pm
औरंगाबाद पुलिस की सुस्ती देखनी है तो ओबरा आइए। यहां पदस्थापित पुलिसकर्मी कार्य करना नहीं चाहते है। स्थिति यह है कि अपराधियों के हौसले बुलंद है और आमजन अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित। आंकड़ों पर नजर डालें तो ओबरा पुलिस की हकीकत सामने आती है। यहां पुलिस अपराधियों को गिरफ्तार नहीं करती है। न्यायालय से निर्गत वारंट महीनों से लंबित है। विभिन्न कांडों के 42 अभियुक्त छूटा घूम रहे है। और पुलिस वारंट लेकर चुप बैठी है। ये सभी वारंट अजमानतीय हैं। 21 अभियुक्तों के खिलाफ कुर्की वारंट निर्गत है। परंतु पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। स्थिति यह है कि अपराधियों में पुलिस का भय समाप्त हो गया है। न्यायालय से निर्गत वारंटों के निष्पादन के आदेश प्रत्येक माह एसपी व थानाध्यक्ष को देते है। परंतु उस पर शायद ही कार्रवाई होती है। एसपी द्वारा जारी किया गया आंकड़ा बताता है कि ओबरा थाने में न्यायालय से निर्गत 166 अजमानतीय व 200 जमानतीय वारंट लंबित है। पुलिस वारंटों को कहां रख दी है कोई नहीं जानता। यहां 12 स्थायी वारंट भी लंबित है। अपराध पर नजर डाले तो यहां अपराधियों के हौसले लगातार बढ़ते जा रहे है। तीन दिन पहले एनएच 98 स्थित चिराग सर्विस स्टेशन पेट्रोल पंप से दो लाख की लूट हुई। एक अपराधी को कर्मचारियों ने धर दबोचा जिसने अपराध में शामिल सभी अपराधियों के नाम बताएं परंतु आज तक कोई भी अपराधी गिरफ्तार नहीं हो सका। अपराधियों की गिरफ्तारी करने की दावा पुलिस करती है। परंतु हकीकत कुछ और है। इसी तरह बेल बूथ पर पैक्स चुनाव के दौरान पूर्व मुखिया विजय सिंह के साथ मारपीट हुई। खून से लथपथ विजय सिंह का इलाज सदर अस्पताल में कराया गया। इनके बयान पर प्राथमिकी दर्ज हुई और चार के खिलाफ पुलिस ने न्यायालय से वारंट लिया। चार माह बीत गए आज तक एक भी अभियुक्त गिरफ्तार नहीं हुए।
Rajneesh,
ReplyDeletebahut acchi report dete ho,
bihar mein bahubaliyon ka varchsw sabko maloom hai..police khud mili hoti hain inse...kya pakdegi...apraadhiyon se paisa khana aur unhein bachhana yahi to kaam hai police ka...tum nirbheekta se nikhte ho acchi baat hai...lekin apna khayal bhi rakhna...apraadhiyon ka kya bharosa hota hai...
didi..