Sep 03, दाउदनगर (औरंगाबाद), जागरण प्रतिनिधि :
दाउदनगर बारुण रोड पिछले चार पांच वर्षो में पूरी तरह बनकर तैयार भी नहीं हुई और टूटने लगी। कई जगहों पर सड़क पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। फिलहाल इस सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है। 2 करोड़ 68 लाख रुपए की लागत से सड़क का निर्माण संभव हो सका था। अभी करोड़ों रुपए का पुल पुलिया बन ही रहा है। चौरम और जानपुर के पास निर्माण का कार्य जारी है। न जाने कितनी दशक से सड़क बनने की उम्मीद लोग कर रहे थे लेकिन कभी भी सड़क पूरी नहीं बनी। पांच साल पूर्व इस सड़क का शिलान्यास बारुण में हुआ था। जब नई सरकार बनी तो निर्माण कार्य में गति आई। क्षेत्रीय विधायक सत्यनारायण सिंह ने दाउदनगर की ओर से सड़क बनाने का प्रयास किया था। बीच में चौरम से तेजपुरा और इसी तरह कई जगह सड़क का निर्माण छोड़ दिया गया था। विधायक कहते हैं कि उनके प्रयास से सड़क तो बनी लेकिन ठेकेदारों और अधिकारियों की मिलीभगत ने सबकुछ सत्यानाश हो गया। भुईयां बिगहा और जमहारा के सामने सड़क नहीं गिट्टी नजर आती है। चौरम से तेजपुरा के बीच खासकर चमन बिगहा स्कूल के आसपास पूरी तरह सड़क ध्वस्त हो गई है। इस हिस्से में बनी सड़क के दोनों किनारे नहर और शाखा नहर का पानी लबालब भरा रहता है। विधायक ने कार्यपालक अभियंता से इस संबंध में बात की मगर बात नहीं बनी। चर्चा है कि इस सड़क का मेजरमेंट बुक फाइनल न करने की जिद पाले एक कनीय अभियंता पर भारी दबाव एक जनप्रतिनिधि और ठेकेदारों की ओर से हुआ जब वह कनीय अभियंता दबाव के बावजूद नहीं झुका तो उसका ट्रांसफर करा दिया गया। पीडब्लूडी के कार्यपालक अभियंता इम्तेयाज अहमद इस तरह की चर्चा को गलत बताते हैं लेकिन सड़क के ध्वस्त होने की बात को सही ठहराते हैं। कहा कि ध्वस्त हुए हिस्से को उन्होंने देखा है। मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। इतनी जल्दी यह सड़क ध्वस्त क्यों हुई? कार्यपालक अभियंता कहते हैं कि साइड सपोर्ट नहीं है। दोनों तरफ नहर है और भारी वाहन चलने के कारण सड़क ध्वस्त हो गई है। बहरहाल, इस सड़क के निर्माण से डेहरी दाउदनगर का करीब आ गया था लेकिन सड़क ध्वस्त होते ही खासकर शाम में कोई भी यात्री यात्रा करने से कतराने लगे हैं।
ये कहानी है तिरसठ के भारतवर्ष की।
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