Nov 24, 06:50 pm
औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता :
शहर का प्रख्यात सिन्हा कालेज कुख्यात होता जा रहा है। स्थिति यह है कि प्राचार्य ओमप्रकाश सिंह का कर्मचारियों पर लगाम नहीं रह गया है। जो मर्जी आता है कर्मचारी करते हैं। कर्मचारियों के मर्जी के आगे प्राचार्य एवं शिक्षक गौण रहते हैं। यूं कह लीजिए महाविद्यालय के कुछ कर्मचारी शिक्षा रैकेट चला रहे हैं। सब कुछ जानते हुए भी प्राचार्य अब तक चुप हैं। वैसे भी इस महाविद्यालय में जिन छात्रों ने नामांकन कराया है उन्हें सावधान हो जाने की जरूरत है। कारण, एक रौल नंबर पर कई नामांकन किए गए हैं। कई छात्रों से तो कर्मचारियों ने पैसा लेकर रख लिया है। महाविद्यालय से सफर कर रहे छात्र आक्रोशित हैं। छात्रों ने इसकी शिकायत कई बार प्राचार्य एवं प्रोफेसर से की परंतु किसी भी कर्मचारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। ताजा मामला बीए पार्ट टू का है। शहर के श्रीकृष्ण नगर निवासी नीरज कुमार इस महाविद्यालय में भूगोल प्रतिष्ठा का छात्र है। पार्ट टू में नामांकन के दौरान उसे रौल नंबर 186 दिया गया। जब नीरज गुरुवार को परिचय पत्र बनाने कालेज पहुंचा तो कर्मचारियों ने रसीद की मांग की। रसीद दिखाया तो कर्मचारियों ने कहा कि यह रौल नंबर राजनीतिक विज्ञान प्रतिष्ठा के छात्र विक्की कुमार का है। इससे पहले इंटर में नामांकन के लिए इस महाविद्यालय के दो कर्मचारियों ने कई छात्रों से पैसे की वसूली की थी। इसकी शिकायत भी प्राचार्य तक पहुंची थी। प्राचार्य ओमप्रकाश सिंह भी इसे स्वीकारते हैं। वैसे पूछने पर बताया कि शिकायत की जांच कर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि कर्मचारी शरत कुमार के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बता दें कि इस कालेज के कर्मचारी शरत ने कुछ दिन पहले लाइब्रेरियन उदय कुमार सिंह की पिटाई कर दी थी। इस मामले में पुलिस ने शरत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। वैसे भी इस कालेज में छात्रों का विषय, माता पिता का नाम बदलना आम बात है।
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