Friday, 3 February 2012

अवैध शराब का धंधा जोरों पर

दाउदनगर (अनुमंडल) : तमाम सरकारी प्रयासों के बावजूद अवैध देशी शराब बनाने का धंधा नहीं क पा रहा है. कई ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर यह धंधा फल फूल रहा है. अवैध कारोबारियों ने इस धंधे को कुटीर उद्योग का रूप दे दिया है.

सूत्रों का कहना है कि इस प्रखंड के भी दर्जनों गांवों में अवैध रूप से देशी शराब का निर्माण किया जा रहा है. समीपवर्ती अरवल जिले से सटे कई गांवों, दाउदनगर के पूर्वी इलाकों व सोन तटीय क्षेत्र में इसका निर्माण किया जा रहा है. जानकारों का कहना है कि हर माह यहां से करीब 10 से 15 हजार पाउच तैयार कर अन्यत्र भेजा जाता है.

ऐसे कारोबारी सिर्फ अनुमान के आधार पर स्परिट व पानी मिलाते हैं, जबकि असली शराब के लिए निर्धारित मापदंड है. असली शराब बनाने में तापमान के अनुसार स्परिट व पानी का मिलावट इस प्रकार किया जाता है कि शराब की मात्रा 60 डिग्री हो जाए, जबकि नकली शराब बनाने वाले इस मापदंड का ख्याल नहीं रखते हैं.इसके सेवन करने से लोगों को तरह- तरह के रोगों हो रहे हैं.

सूत्रों का कहना है कि कई बार रेपर व अवैध देशी शराब सहित अन्य सामान पुलिस के द्वारा बरामद की गयी है, जिससे साबित होता है कि इस थाना क्षेत्र में यह धंधा तेजी से फल फूल रहा है. सूत्रों का यह भी कहना है कि अवैध शराब माफियाओं द्वारा यह धंधा संचालित हो रहा है. जब कभी ऐसे कारोबारी उत्पाद विभाग या पुलिस द्वारा पकड़े जाते है तो फिर छूटने के बाद पुन इसी धंधे में लग जाते है. ऐसे लोगों को अवैध शराब माफियाओं का संरक्षण प्राप्त है.

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