Saturday, 11 February 2012

नहीं थम रहा अवैध शराब का निर्माण

दाउदनगर (अनुमंडल) : तमाम प्रयासों के बावजूद अवैध शराब के कारोबारियों का धंधा बंद होने का नाम नहीं ले रहा है. इसके सेवन करने वाले लोगों को आर्थिक शोषण का शिकार हो रहे हैं.
सूत्रों का कहना है कि कई ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध देशी शराब निर्माण कुटीर व्यवसाय का रूप ले लिया है, जिसे अवैध शराब माफियाओं का संरक्षण प्राप्त रहता है. कई बार इस थाना क्षेत्र के गांवों से अवैध शराब, रेपर, मशीन सहित अन्य अन्य सामग्रियां पकड़ी जाती रही है. बावजूद इसके यह थम नहीं रहा है.
सूत्रों का कहना है कि शमशेर नगर, मेवा बिगहा, अकबरपुर, भगवान बिगहा, अरई, महेंद्रा चक, तरार, मनार व सिंदुआर के अलावा सोन तटीय क्षेत्र में अवैध शराब बनाने की शिकायतें प्राय प्राप्त होती रहती है. इनमें कई स्थानों पर महुआ शराब भी बनते हैं.
औचक छापामारी के दौरान ऐसे मामले पकड़े भी जाते रहे हैं, परंतु अवैध शराब माफियाओं के संरक्षण में फिर से ये धंधे शुरू हो जाता हैं. सूत्रों का कहना है कि औसतन दस से पंद्रह हजार अवैध देशी शराब का पाउच निर्माण कर समीप वर्ती प्रखंडों व जिलों में भेजा जाता है, जिससे कारोबारियों की तो चांदी रहती है.
इस शराब में न तो गुणवत्ता की गारंटी रहती है और न निर्धारित मापदंड का. हालांकि, थानाध्यक्ष ओम प्रकाश का कहना है कि अवैध शराब कारोबारियों पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस तत्पर है. सूचना मिलने पर त्वरित कार्रवाई की जाती है.

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