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Wednesday, 26 September 2012
नई योजनाओं की अनुशंसा के खिलाफ संवेदक
औरंगाबाद, जागरण संवाददाता :
पिछले दिनों समाहरणालय के सभा कक्ष में शिक्षा सह प्रभारी मंत्री प्रशांत कुमार शाही की अध्यक्षता में संपन्न संचालन समिति की बैठक में पुराने योजनाओं की निविदा रद्द किये जाने के निर्णय से संवेदक भड़क उठे हैं। बुधवार को संवेदकों ने इस निर्णय के खिलाफ मुख्यमंत्री को पैक्स के माध्यम से पत्र भेजा है। संवेदकों ने कहा कि बिहार का यह पहला मामला सामने आया है कि योजनाओं की निविदा निष्पादन के बाद योजनाओं को रद्द किया गया है। चतुर्थ श्रेणी के तमाम संवेदकों ने मुख्यमंत्री से इसपर पहल करने की मांग की है। संवेदक दिलीप कुमार, मनोज सिंह ने कहा कि योजनाओं टेंडर उस समय रद्द किया गया जब एकारारनामा की कार्रवाई चल रही थी। योजना पदाधिकारी एवं मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के कार्यपालक अभियंता द्वारा अब एकारारनामा से इन्कार किया जा रहा है। दोनों के द्वारा बताया जा रहा है कि 22 सितम्बर को संपन्न संचालन समिति की बैठक में पुरानी सभी योजनाओं को रद्द करने की अनुशंसा प्रभारी मंत्री द्वारा कर दी गयी है। विधायक एवं पार्षदों के कहने पर निवेदित योजनाओं की निविदा रद्द किया गया है। सहकारिता मंत्री द्वारा नई योजनाओं की सूची भी दे दी गयी है। संवेदकों का कहना है कि हमें लाटरी के माध्यम से योजना आवंटित हो गया था और अधिकारियों के मौखिक आदेश पर कार्य भी प्रारंभ कर दिया हूं। 30 मार्च को 62 ग्रूपों की निविदा निकाली गयी थी जिसका लाटरी द्वारा निष्पादन 30 सितम्बर को गया अंचल कार्यालय एवं 16 अगस्त को कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में संपन्न हुआ। 1 जून को 165 ग्रुपों की निविदा निकाली गयी जिसका 18 सितम्बर को निष्पादन गया एवं 21 सितम्बर को कार्यपालक अभियंता के कार्यालय में किया गया। संवेदकों को कार्य आवंटित करते हुए एकारारनामा के लिए नोटिस दिया गया है। ऐसी स्थिति में टेंडर रद्द किया जाना कहीं से उचित नहीं है। उधर योजना पदाधिकारी एवं कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि बैठक में लिये गये निर्णय के आलोक में योजनाओं की निविदा रद्द कर विधायक एवं पार्षदों से नई योजनाओं की अनुशंसा सूची प्राप्त की जा रही है।
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