Nov 30, 08:14 pm
औरंगाबाद
सरकार के चार वर्ष पूरा होने पर जिला प्रशासन द्वारा जारी की गई रिपोर्ट कार्ड में कई दावे गलत है। अधिकारियों ने डीएम को गलत रिपोर्ट उपलब्ध कराये हैं। स्थल पर जब इसकी जानकारी ली गई तो दावा कागजों तक सिमटा दिखा। हद यह कि बिना निर्माण के ही दावा कर दिया गया कि मदनपुर एवं दाउदनगर बाजार में विद्युत वितरण उप केन्द्र का निर्माण किया गया है। जलापूर्ति योजना के पूर्ण होने का दावा भी गलत है। रिपोर्ट कार्ड के पृष्ठ दो पर दावा किया गया है कि औरंगाबाद शहर, देव बाजार, मदनपुर बाजार एवं दाउदनगर बाजार में विद्युत वितरण उपकेन्द्र का निर्माण किया गया है जबकि हकीकत में ऐसा नहीं हुआ है। मदनपुर बाजार में पच्चीस वर्ष पहले विद्युत उपकेन्द्र बना है। केन्द्र में उपस्थित स्विच बोर्ड आपरेटर अभय सिंह ने बताया कि मदनपुर में कोई वितरण उप केन्द्र नहीं बना है। दाउदनगर शहर में भी विद्युत विभाग का कोई निर्माण कार्य पिछले एक दशक में नहीं हुआ है। विभागीय एसडीओ अविनाश कुमार के अनुसार पावर सब स्टेशन तरार में है दाउदनगर में कोई निर्माण नहीं है। यह दावा गलत है। हसपुरा में पावर हाउस बनकर तैयार हैं परंतु किसी काम का नहीं। हसपुरा प्रखंड मुख्यालय आठ वर्षो से अंधेरा में है। इसी तरह जलापूर्ति योजनाओं के संबंध में किया गया दावा आधा सच है। पृष्ठ छह पर दावा किया गया है कि देव, डिहरा, ओबरा एवं हसपुरा में क्रमश: 96.028 लाख, 26.956 लाख, 40.562 लाख तथा 48.843 लाख रुपए से ग्रामीण जलापूर्ति योजना पूर्ण हो चुकी है। जानकारों के अनुसार हसपुरा का जलमीनार निर्माणाधीन है। और इस मामले में लाखों रुपए की निकासी हो चुकी है लेकिन हसपुरावासियों को पानी नसीब नहीं हुआ है। देव में भी पानी की आपूर्ति नहीं होती है। पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता अनिल कुमार ने बताया कि हसपुरा में टावर के बिना पानी आपूर्ति हो रही है। इसी तरह बिना टावर के ही ओबरा में पानी आपूर्ति हो रही है जबकि डिहरा में बिजली के अभाव में पानी आपूर्ति नहीं हो रही है। सूत्रों के अनुसार ओबरा के किसी घर में पानी आपूर्ति नहीं होती बल्कि प्रखंड कार्यालय परिसर में पीने का पानी एक नल के जरिए बर्बाद हो रहा है। डिहरा निवासी रामप्रवेश यादव, हरिनंदन यादव, रामशरण राम, प्रकाश कुमार ने बताया कि कही भी नल नजर नहीं आता। अगर बिजली आ भी गई तो पानी कैसे आपूर्ति होगी। विधायक सत्यनारायण सिंह ने कहा कि सरकार के प्रशासन ने गलत दावा कर वाहवाही लूटने की कोशिश की है। चार वर्षो में धरातल पर कार्य कम और कागज पर अधिक हुआ है।
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