Thursday, 1 April 2010

अवैध शराब के मामले में अव्वल है औरंगाबाद

औरंगाबाद/नवीनगर अवैध शराब कारोबार के मामले में औरंगाबाद अव्वल है। यहां शराब का धंधा विभाग एवं पुलिस के संरक्षण में धड़ल्ले से फल फूल रहा है। स्थिति यह है कि शायद ही कोई ऐसा गांव होगा जहां शराब की बिक्री नहीं होती है। शराब के कारोबार में लगे व्यवसायी इस धंधे में दूसरे को आने नहीं देते है। लाटरी सिस्टम के जरिए दुकान की बंदोबस्ती होती है, परंतु दुकान मिलने के बावजूद भी कई लोग दुकान छोड़ भाग जाते है। कारण अगर जिन्हे लाइसेंस मिला है वे अपना दुकान खोलते है तो उस इलाके में पहले से कार्य कर रहे कारोबारी दो नंबर के शराब अपने लोगों से बिकवाते है। अवैध कारोबारियों को स्थानीय पुलिस का संरक्षण मिला रहता है। स्थिति यह होती है कि लाइसेंसी दुकानदार को राजस्व का घाटा होता है और अवैध कारोबारी लाखों रुपए की कमाई करते है। उत्पाद विभाग के आंकड़े बताते है कि जिले में अवैध शराब का धंधा जोरों से चल रहा है। प्रत्येक माह इस विभाग के अधिकारी छापेमारी कर दस बीस शराब अड्डा को ध्वस्त करते है। इनकी कार्रवाई भी ज्यादा दिखावे की होती है। चर्चा है कि जहां से इन्हे माहवारी मिलती है वहां कोई कार्रवाई नहीं होती है। सोन डिल्हा अवैध शराब कारोबारियों का अड्डा है। यहां प्रतिदिन हजारों लीटर महुआ शराब की चुलाई होती है। जानकारी विभाग को है परंतु विभाग के द्वारा दिखावे के लिए कभी कभार छापेमारी की जाती है। लाइसेंसी दुकान के आड़ में शराब के अवैध कारोबारी कच्चा स्प्रिट से पालीथीन बना बाजारों में बेचते है। धंधेबाज बजाप्ता शराब की मिनि फैक्ट्री घरों में बैठाए रहते है। कई बार गैस सिलेंडर के साथ मशीन पकड़ा गया। माली थाना के चरण बाजार चिरैयाटाड़ गांव में शराब के अवैध कारोबारियों में आबकारी विभाग की टीम पर हमला कर यह जता दिया कि जो इस इलाके में छापेमारी करेगा उसे जान से हाथ धोना पड़ेगा। शराब के कारोबारियों ने न सिर्फ उत्पाद निरीक्षक एवं उनके टीम के सदस्यों की पिटाई की बल्कि दो गाड़ियां भी फूंक डाली।

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