Wednesday, 2 June 2010

बिहार शिक्षा परियोजना में घोटाला

औरंगाबाद बिहार शिक्षा परियोजना में लाखों रुपए का चेक घोटाला सामने आया है। अभियंताओं ने प्रधानाध्यापक व पर्यवेक्षक के साथ मिलकर लाखों रुपए की निकासी की है। वैसे डीएसई ओंकार प्रसाद सिंह के अनुसार यह राशि करोड़ों में हो सकती है। डीएसई ने बताया कि मध्य विद्यालय ब्लाक कालोनी गोह को मार्च 2010 में 49 हजार 400 रुपए का चेक काटा गया। गोह थाना के महेश परासी निवासी प्रधानाध्यापक वेंकटेश कुमार के साथ मिलकर अभियंताओं ने 6 लाख 49 हजार 400 रुपए की निकासी की। इसी तरह कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय देव को फरवरी 2010 में 45 हजार रुपए का चेक काटा गया जिसे अभियंता, पर्यवेक्षक एवं संचालिका ने मिलकर 3 लाख 45 हजार रुपए की निकासी की। अभियंताओं ने जिन चेकों में हेर फेर किया उसमें नवसृजित प्राथमिक विद्यालय सिमरी बेचैन, प्राथमिक विद्यालय धुसरी एवं मध्य विद्यालय ब्लाक कालोनी देव शामिल है। डीएसई ने बताया कि 31 मार्च 2010 को मध्य विद्यालय ब्लाक कालोनी देव को 23 हजार रुपए का चेक दिया गया। इस चेक को अभियंताओं ने 2 लाख 23 हजार रुपए बनाकर पैसे की निकासी की। धुसरी विद्यालय में 5 लाख 70 हजार की जगह 6 लाख 70 हजार रुपए, सिमरी बेचैन में 51 हजार की जगह 91 हजार रुपए की निकासी की गई। जांच के दौरान जब अवैध पैसे की निकासी का मामला पकड़ा गया तो डीएसई ने मामले में प्राथमिकी के आदेश दिए। डीएसई के आदेश पर बिहार शिक्षा परियोजना के लेखा पदाधिकारी चन्द्रप्रकाश सिंह ने नगर थाना में सहायक अभियंता धनंजय कुमार, अभियंता नरेन्द्र कुमार दूबे, पर्यवेक्षक विनोद कुमार, तकनीकी पर्यवेक्षक कृष्णा शर्मा, सत्यनारायण सिंह, प्रधानाध्यापक वेंकटेश कुमार, श्रीमती शारदा कुमारी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। थानाध्यक्ष ने बताया कि भादसं की धारा 420, 467, 468, 353, 120 बी के तहत कांड संख्या 241/10 दर्ज की गई है। कांड के अनुसंधानकर्ता दारोगा जेपी यादव बनाए गए है। डीएसई के इस कार्रवाई से सर्व शिक्षा अभियान में हड़कंप व्याप्त है।

No comments:

Post a Comment