Apr 19, औरंगाबाद, कार्यालय संवाददाता :
टेंडर मैनेज का खेल देखना है तो आइए ग्रामीण कार्य विभाग कार्य प्रमण्डल का कार्यालय। यहां कार्यपालक अभियंता करोड़ों का ठेका मैनेज करते हैं। अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप केन्द्र भवन बनाने के लिए करोड़ों रुपए का आवंटन इस विभाग को प्राप्त हुआ। विभाग के द्वारा स्थानीय अखबार में न तो टेंडर निकाला गया और न ही सूचना पट पर इसकी जानकारी चिपकाई गई। बैक डोर से कार्यपालक अभियंता ने सब मैनेज किया। मैनेज की जानकारी जब सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह को मिली तो उन्होंने इस संबंध में कार्यपालक अभियंता को टेंडर रद्द करने का आदेश दिया। मंत्री के आदेश पर कार्यपालक अभियंता बिन्देश्वरी सिंह ने अपने पत्रांक 684 दिनांक 4 अप्रैल 2011 को टेंडर रद्द कर दिया। आदेश में लिखा कि अखबार में सूचना प्रकाशित होने के बाद टेंडर होगी। इसी दिन कार्यपालक अभियंता ने अपने पत्रांक 691 से ठेकेदारों को एकरारनामा करने का आदेश निकाला। पत्र के माध्यम से कार्य का एकरारनामा करने की सूचना दी। अब सवाल उठता है कि जिस दिन कार्यपालक अभियंता ने टेंडर को रद्द किया उसी दिन फिर एकारारनामा का आदेश कैसे निकाला। इस आदेश के पीछे का सच क्या है समझ सकते हैं। पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता बिन्देश्वरी सिंह ने बताया कि मैंने सब कुछ नियमानुकूल किया है। टेंडर रद्द करने के सवाल पर कहा कि मैंने यह सब क्यों किया यह कहने की जरूरत नहीं है। बता दें कि यह विभाग अपने कारनामों को ले हमेशा सुर्खियों में रहता है। विभाग में टेंडर मैनेज का खेल वर्षो से चला आ रहा है। जदयू जिला प्रवक्ता तेजेन्द्र कुमार सिंह, महासचिव दीपक कुमार सिंह, प्रखंड अध्यक्ष अजिताभ कुमार सिंह उर्फ रिंकू ने कार्यपालक अभियंता पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बयान में कहा है कि यह सब पैसे का खेल है। इस विभाग द्वारा कराए गए कार्यो की अगर जांच करा दी जाए तो सच्चाई सामने आ जाएगा। जदयू नेताओं ने कहा कि कार्यपालक अभियंता के इस निर्णय से जदयू कार्यकर्ता आहत हैं। कार्यपालक अभियंता भ्रष्टाचार को रोकने के बजाय उसे बढ़ाने में लगे हैं। इस पूरे मामले को मुख्यमंत्री एवं मंत्री स्तर तक ले जाएंगे।
Complaint Number / शिकायत संख़्यां [99999-1904110106]
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