Wednesday, 3 August 2011

औरंगाबाद में मुखिया व सरपंच को दरोगा ने पीटा

मुफ्फसिल थाना परिसर में बुधवार की शाम ओरा पंचायत मुखिया अनिल कुमार एवं सरपंच शिवकुमार राम की दारोगा ने पिटाई कर दी। मुखिया एवं सरपंच की पिटाई के बाद उग्र ग्रामीणों ने जीटी रोड जाम कर थाने का घेराव किया। ग्रामीण दरोगा पर प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग कर रहे थे। नगर पार्षद रमेश यादव, मुखिया एवं सरपंच के नेतृत्व में घेराव कर रहे ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस प्रशासन हाय-हाय, चोर दारोगा को गिरफ्तार करो के नारे लगा रहे थे। मुखिया एवं सरपंच ने बताया कि मारपीट के पुराने मामले में गिरफ्तार ओरा गांव निवासी भोला यादव का न्यायालय से जमानत का रिकाल लेकर थाना आया था। रिकाल दिखाया तो छोड़ने के लिए दोनों प्रशिक्षु दारोगा ने दस हजार रुपए की मांग की। पैसा नहीं देने पर पीटा। दारोगा ने मुखिया एवं सरपंच को भद्दी गालियां दी। थाना का घेराव एवं जीटी रोड जाम कर रहे ग्रामीणों को एसडीपीओ संजय कुमार ने समझाया। उन्होंने कहा कि दोषी दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीपीओ ने कहा कि दारोगा ने मुखिया को नहीं हमें पीटा है। मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंगलवार को मुखिया एवं सरपंच को एडीजी के बैठक में गया भाग लेने भेजा था। दोनों जनता के बीच लोकप्रिय हैं। एसडीपीओ के आश्वासन के बाद थाना का घेराव कर रहे ग्रामीण शांत हुए और जीटी रोड से जाम हटाया।

2 comments:

  1. निलंबित हुए दो पीएसआई
    Aug 12, 08:04
    औरंगाबाद : ओरा पंचायत मुखिया अनिल कुमार एवं सरपंच शिवकुमार राम के पिटाई मामले में एसपी डा. सिद्धार्थ ने कार्रवाई करते हुए दो पीएसआई को निलंबित कर दिया है। एसडीपीओ संजय कुमार ने बताया कि मुफ्फसिल थाना में पदस्थापित पीएसआई राकेश सिंह एवं सुरेश रविदास को निलंबित किया गया है। दोनों ने 3 अगस्त की शाम मुखिया व सरपंच की पिटाई कर दी थी। पिटाई से आक्रोशित मुखिया एवं सरपंच ने जीटी रोड जाम कर थाना का घेराव किया था।
    http://in.jagran.yahoo.com/news/local/bihar/4_4_6279211.html

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  2. मिली स्थानांतरण की सजा (http://prabhatkhabar.com/node/39778)
    कार्रवाई सैप के जवान ने की एक व्यक्ति की पिटाई
    औरंगाबाद : आपराधिक घटनाओं से कराह रहा औरंगाबाद शहर को अपराधमुक्त कराने के लिए मगध प्रमंडल के डीआइजी ने नगर थानाध्यक्ष के रूप में राजेंद्र राम की पदस्थापना की. इन्हें जहानाबाद नगर थाने से सीधे औरंगाबाद नगर थाने का कार्यभार सौंपा गया. राजेंद्र राम ने अपने वरीय पदाधिकारी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अपराध पर न केवल काबू पाया बल्कि आमलोगों को पुलिस से नजदीक लाकर लोकप्रियता भी हासिल कर ली गयी.

    नौ जुलाई को इनकी पदस्थापना हुई और छह अगस्त तक इस जिला मुख्यालय में न तो कोई हत्या, न बलात्कार, न चोरी, न लूट और नहीं शराबियों का उत्पात मचाने जैसी कोई एक भी घटना घटी. इनकी यह उपलब्धि विभाग के ही कुछ पदाधिकारी को नागवार गुजरा.

    चापलूस और दलाल प्रवृत्ति के लोग इनके कार्य करने के तरीके से परेशान थे. इनलोगों को वैसे वक्त की तलाश थी कि कोई छोटी-सी घटना घटे और इसे तूल देकर बड़ा मामला खड़ा किया जाये. इसमें इनको सफलता भी मिल गयी. शुक्रवार के लिए एक सैप के जवान के द्वारा एक व्यक्ति को मामूली रूप से पिटाई की गयी. इसी मामले को मुख्यमंत्री और डीजीपी के यहां फैक्स किया गया.

    सरकार ने भी ऐसे लोगों के द्वारा की गयी शिकायत को बिना जांच-पड़ताल किये थानेदार को हटाने का आदेश दे दिया गया. लेकिन जैसे ही यह चर्चा शहर के लोगों में पहुंची कि राजेंद्र राम का स्थानांतरण सीआइडी में कर दिया गया है. चौक-चौराहों से लेकर हर जगह सरकार की आलोचना शुरू हो गयी.

    भ्रष्टाचार पर पाया था काबू : विधायक

    नगर थानाध्यक्ष राजेंद्र राम का स्थानांतरण कर सीआइडी में पदस्थापना किये जाने की जानकारी जब रफीगंज के विधायक अशोक कुमार सिंह को हुई तो वे इस बात से अचंभित थे कि यह अचानक कैसे हो गया.

    विधायक ने यह कहने में कोई संकोच नहीं किया कि सरकार भ्रष्टाचार को समाप्त करना चाहती है. राजेंद्र राम एक ईमानदार पुलिस पदाधिकारी थे. मुझे जहां तक जानकारी है कि इन्होंने लाखों रुपये को ठोकर मारी है. इनके द्वारा अपराध पर नियंत्रण कर लिया गया था. ऐसे व्यक्ति का अभी स्थानांतरण नहीं होना चाहिए था.

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