Wednesday, 31 August 2011

पैसा है तो काम होगा, वरना कल आना

औरंगाबाद (नगर) : आम लोगों के हितों को ध्यान में रख कर एक तरफ जहां सेवा का अधिकार कानून लागू किया जाता है, वहीं जिले का निबंधन कार्यालय में बिना बिचौलिये के कोई कार्य नहीं हो पाता है.

हद तो यह है कि जिला निबंधन पदाधिकारी निगम प्रकाश ज्वाला जब से यहां आये हैं तब से इस कार्यालय का उनके निजी गाड़ी के चालक ही कर रहे हैं. जब कोई दस्तावेज नवीस रजिस्ट्री कराने के लिए निबंधन कार्यालय जाते हैं तो उनके चालक काम जल्दी करा देने के नाम पर पैसे मांगते हैं.

मंगलवार को कुछ दस्तावेज नवीसों ने इसकी जानकारी मीडिया को दी. सूचना मिलते ही प्रभात खबर की टीम कार्यालय पहुंची तो देखा कि चालक एक टेबुल लगा कर साहब के चेंबर के पास बैठा हुआ है व साहब चेंबर में आराम फरमा रहे हैं.

एक दस्तावेज नवीस हाथ में रजिस्ट्री कराने का कागजात लेकर लाया तो उसे चालक ने ले लिया व पैसे की मांग की. जब पैसा देने से इनकार कर दिया तो उसका कागजात काफी नीचे कर दिया गया. चालक ने कहा कि बगैर पैसे का कोई काम नहीं होता है.

पैसा है तो काम होगा वरना कल आना. जब चालक को मीडिया कर्मी के आने की जानकारी हुई तो वह कार्यालय से निकल गया. कुछ कर्मचारी ने इसकी सूचना साहब को दी तो वे आनन-फानन में कार्यालय में आकर बैठ गये. कुछ दस्तावेज नवीसों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अभी जो भी काम हो रहा है.

उसकी डिलिंग साहब के चालक ही करते हैं. इस संबंध में निबंधन पदाधिकारी ने कहा कि कर्मचारियों की कमी के कारण चालक से काम लिया जा रहा था

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