Wednesday, 31 August 2011

चिल्ला रहे मंत्री नहीं हो रही कार्रवाई

शहर में घटिया सड़क व नाला निर्माण पर सवाल उठ रहे है। शहर की सड़क पहली बरसात भी नहीं झेल सकी। बारिश में सड़क टूटकर गढ्डों में तब्दील हो गई है। थोड़ी सी बारिश में सड़क पर झील सा नजारा दिखने लगता है। बाजार व सब्जी मंडी के पास पैदल चलना मुश्किल हो जाता है। बनने के साथ ही सड़क की मरम्मत कार्य शुरू हो गई है। गड्ढों में बोल्डर भरा जा रहा है। नाला का निर्माण भी घटिया हो रहा है। बनने के साथ ही कई जगह नाला टूट गया है। नाला का निर्माण पानी निकासी के लिए की जा रही है या दिखावे के लिए समझ में नहीं आता। इस नाला से मोहल्ले का पानी निकल पाएगी कहना मुश्किल है। घटिया सड़क एवं नाला निर्माण पर कार्रवाई की मांग सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह उठाते रहे, मामले को ले चिल्लाते रहे परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीस सूत्री की बैठक में नाला कार्य बंद करने का निर्णय लिया गया परंतु कार्य चलता रहा। कार्रवाई न होने से ठेकेदारों का मनोबल बढ़ता रहा और सवाल उठाने वाले धराशायी होते रहे। शिकायत पर जिला के प्रभारी मंत्री पीके शाही ने विभागीय आयुक्त एवं सचिव से दूरभाष पर बात की। घटिया नाला व सड़क निर्माण की शिकायत की। जांच कराने की बात कही। चर्चा है कि प्रभारी मंत्री के शिकायत पर राज्य स्तरीय टीम शहर पहुंची और सड़क व नाला निर्माण की जांच कर चली गई। किसी को पता भी नहीं चला और जांच टीम शहर से फुर्र हो गई। आठ करोड़ की लागत से नाला निर्माण चल रहा है। पूछे जाने पर कार्यपालक अभियंता आरपी राजन ने बताया कि टूटे सड़क की मरम्मत कराई जा रही है। बताया कि राज्य स्तरीय टीम रिपोर्ट लिखकर ले गई है। अब तक जांच रिपोर्ट हमें प्राप्त नहीं हुआ है।

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