औरंगाबाद (नगर) : मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना के लिए जिले में आवंटित डेढ़ करोड़ रुपये की राशि बैंकों की शोभा बढ़ा रही है. बताया जाता है कि इस वित्तीय वर्ष 2011-12 में सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत विवाहिता को पैसा देने के लिए एक करोड़ 16 लाख एक हजार रुपये आवंटित जिला प्रोग्राम कार्यालय को किया गया है.
नहीं भेजी गयी सूची
प्रखंड के द्वारा नव विवाहिताओं की सूची जिला प्रोग्राम कार्यालय में नहीं भेजे जाने के कारण पैसा प्रखंड कार्यालय को आवंटित नहीं किया जा सका है. इधर प्रखंड कार्यालय का नतीजा यह है कि कन्या विवाह योजना की राशि के लिए लाभुक महीनों से कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. और कार्यालय में बैठे बाबुओं के द्वारा यह जवाब दिया जाता है कि आपकी सूची अभी जिले में भेजी गयी है.
वहां से स्वीकृत होने के बाद दिया जायेगा, लेकिन हकीकत यह है कि यहां पिछले चार महीनों से अनुसूचित जनजाति परिवार के लोगों के लिए 48 लाख 79 हजार तथा सामान्य लोगों के लिए एक करोड़ 16 लाख एक हजार रुपये भेजे गये हैं.
एक-दूसरे पर आरोप
जिला प्रोग्राम पदाधिकारी ने बताया कि सभी प्रखंड कार्यालय को यथाशीघ्र कन्या विवाह योजना की सूची उपलब्ध कराने के लिए एक माह पूर्व कहा गया था. लेकिन अब तक किसी प्रखंड कार्यालय के द्वारा सूची उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इसी कारण पैसा प्रखंड कार्यालय को नहीं दिया गया है.
वहीं वर्ष 2010-11 में विभाग के द्वारा एक करोड़ 44 लाख 500 रुपये आवंटित किये गये थे. जहां पांच हजार रुपये की दर से 2897 लाभुकों के बीच एक करोड़ 44 लाख 88 हजार रुपये प्रखंड कार्यालय के द्वारा बांटा गया है. इस योजना का लाभ लोगों को मिल रहा है. इधर ग्रामीण क्षेत्र में रहनेवाले लोगों का कहना है कि शादी के एक साल बाद विभाग के द्वारा पांच हजार रुपये का चेक मिलता है.
इस चेक के लिए दर्जनों बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है. नतीजा यह है कि चेक लेने के पीछे दो हजार रुपये खर्च हो जाते हैं. यहां तक कि विवाह का निबंधन कराने में मुखिया व पंचायत सचिव के द्वारा 500 रुपया लिया जाता है, वहीं प्रखंड कार्यालय में आवेदन जमा करने के नाम पर 500 रुपया तथा आने-जाने में एक हजार रुपये से अधिक खर्च हो जाते हैं.
क्या कहते हैं लोग
सदर प्रखंड के जोकहरी गांव निवासी त्रिपुरारी सिंह, शिव करण सिंह, जयराम सिंह आदि कहते हैं कि हमलोगों ने अपनी बेटी की शादी दो वर्ष पूर्व की थी. यहां तक कि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना की राशि के लिए 500 रुपया खर्च कर मुखिया से विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाया था.
मुखिया द्वारा कहा गया था कि पांच हजार रुपये आपकी बेटी के नाम से मिलेगा. लेकिन दो वर्ष बीत गये अब तक राशि नहीं मिल पायी. कई बार बीडीओ से शिकायत भी की गयी लेकिन उनके द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया गया.
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