इस ब्लॉग में औरंगाबाद(बिहार) से संबंधित वैसे खबरों को पोस्ट किया जाता है, जिसपर वरीय पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना अत्यावश्यक लगे । इसके सेटिंग में मुख्य सचिव (बिहार), पुलिस महानिदेशक (बिहार), जिला पदाधिकारी (औरंगाबाद), पुलिस अधीक्षक (औरंगाबाद) तथा माननीय मुख्यमंत्री (बिहार) का इमेल आईडी फीड किया हुआ है, जिससे ब्लॉग पोस्ट की एक प्रति स्वतः उनके पास पहुँच जाती है । यह बिल्कुल से अखबारों में छपे मूल समाचार होते हैं और मेरा उद्देश्य इन खबरों को वरीय पदाधिकारियों तक पहुँचाना मात्र है ।
Sunday, 25 December 2011
फर्जी निकला 38 शिक्षकों का प्रमाण पत्र
प्रखंड शिक्षक के पद पर वर्ष 2008, 2011 में नियोजित 38 शिक्षकों का नियोजन रद कर दिया है। जांच के दौरान इन शिक्षकों का प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। बीईओ सुहद रंजन ओझा ने बताया कि डीईओ के आदेश पर नियोजन रद करते हुए मामले में प्राथमिकी दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही है। बताया जाता है कि अपीलीय प्राधिकार ने अपने पत्रांक 759 दिनांक 6.5.11 के आदेश में बीडीओ व बीईओ को उक्त शिक्षकों को बहाल करने का आदेश दिया था। प्राधिकार के आदेश से पहले ही शिक्षकों का नियोजन बीडीओ ने पत्रांक 140 दिनांक 21.2.11 से कर दिया गया था। इब्राहिमपुर के राजेन्द्र यादव, डंड़वा के रामनिवास शर्मा ने मुख्यमंत्री के जनता दरबार में आवेदन देकर शिकायत की थी कि फर्जी प्रमाण पत्र पर शिक्षकों को नियुक्ति की गई है। प्रमाण पत्र फर्जी होने के बावजूद शिक्षक कार्य कर रहे हैं। बहाल शिक्षकों ने उदय प्रताप स्वाशासी महाविद्यालय वाराणसी के द्वारा निर्गत सुरेन्द्र कुमार सिन्हा, सुधीर कुमार सिन्हा, संजय कुमार सिन्हा, कमलेश कुमार एवं बबन कुमार का प्रशिक्षण प्रमाण पत्र को प्राचार्य डा. गुलाबचन्द्र सिंह ने फर्जी बताया हैं। डीईओ ने अपने ज्ञापांक 2167 दिनांक 19.11.11 में नियोजन को अवैध घोषित करते हुए कानूनी कार्रवाई करने का आदेश दिया है। बीईओ ने बताया कि नियोजन रद करते हुए सभी शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।
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