इस ब्लॉग में औरंगाबाद(बिहार) से संबंधित वैसे खबरों को पोस्ट किया जाता है, जिसपर वरीय पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना अत्यावश्यक लगे । इसके सेटिंग में मुख्य सचिव (बिहार), पुलिस महानिदेशक (बिहार), जिला पदाधिकारी (औरंगाबाद), पुलिस अधीक्षक (औरंगाबाद) तथा माननीय मुख्यमंत्री (बिहार) का इमेल आईडी फीड किया हुआ है, जिससे ब्लॉग पोस्ट की एक प्रति स्वतः उनके पास पहुँच जाती है । यह बिल्कुल से अखबारों में छपे मूल समाचार होते हैं और मेरा उद्देश्य इन खबरों को वरीय पदाधिकारियों तक पहुँचाना मात्र है ।
Monday, 19 December 2011
सीएस व डीपीएम पर हो कार्रवाई : जदयू
दवा खरीद घोटाला में जदयू नेताओं ने कार्रवाई की मांग की है। युवा जदयू जिलाध्यक्ष नीलमणि कुमार, औरंगाबाद प्रखंड अध्यक्ष अजिताभ कुमार सिंह उर्फ रिंकू ने कहा कि दवा मामले में सीएस व डीपीएम पर कार्रवाई हो। दोनों अधिकारी सरकार को बदनाम करने में लगे हैं। अस्पताल में जरूरत की दवा नहीं खरीदी जा रही है और आयरन की गोली आवश्यकता से अधिक खरीदी गई। नेताओं ने कहा कि सिविल सर्जन के सहयोग से शहर, प्रखंड एवं गावों में फर्जी चिकित्सालय चल रही है। फर्जी चिकित्सक न सिर्फ सिजेरियन आपरेशन करते हैं बल्कि कई और बड़ा आपरेशन भी करते हैं। मरीज मर रहे हैं परंतु सिविल सर्जन ऐसे चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करते। कई बार कार्रवाई के लिए लिखा भी गया परंतु वे फाइलों को दबा लेते हैं। सीएस के सहयोग से जिले में फर्जी क्लीनिक पनप रहे हैं। उधर राष्ट्रवादी युवा कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ मुन्ना, उपाध्यक्ष ललन प्रसाद सिंह ने दवा घोटाला मामले में सीएस व डीपीएम को बर्खास्त करने की मांग किया है। कहा है कि सूबे के सहकारिता मंत्री ने दवा घोटाला पकड़ी परंतु इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुआ। मंत्री एवं डीडीसी ने मामले को दबा दिया। दोनों अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई न होना और सहकारिता मंत्री का चुप रहना मिलीभगत को दर्शाता है। अस्पताल में मरीजों को दवा नहीं मिल रही है और दवा खरीद के नाम पर घोटाला चल रहा है।
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