Tuesday, 5 June 2012

निविदा की प्रक्रिया में गुणवत्ता होगी प्रभावित

औरंगाबाद, जागरण संवाददाता :
राज्य सरकार ने सांसद, विधायक, विधान पार्षद से लेकर अन्य योजनाओं का कार्य निविदा के माध्यम से कराने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए स्थानीय क्षेत्र अभियंत्रण संगठन का गठन किया गया है। इस कार्य प्रमण्डल के तहत जितनी भी योजनाएं स्वीकृत हो रही हैं, सभी का कार्य निविदा के माध्यम से कराया जा रहा है। निविदा की प्रक्रिया में गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। कार्य की रफ्तार भी काफी धीमी है। पिछले सप्ताह इस कार्य प्रमण्डल के द्वारा 135 योजनाओं के लिए निविदा निकाली गई है। 110 योजनाओं में संवेदकों द्वारा 15 प्रतिशत से कम दर पर टेंडर डाला गया है। एक एक योजना में आठ से दस संवेदकों द्वारा टेंडर गिराया गया है। हद तो यह कि 42 हजार की योजना में आठ संवेदक टेंडर डाल काम लेने को ताल ठोक रहे हैं। स्थानीय सांसद सुशील कुमार ंिसह के द्वारा सदर प्रखंड के करमा भगवान गांव में सुनेश ठाकुर के दरवाजे पर 42 हजार का एक चापाकल गड़वाने की अनुशंसा की गई है। इस योजना में आठ संवेदकों ने टेंडर डाला है वह भी 15 प्रतिशत से कम दर पर। अब सवाल उठता है कि कम दर पर निविदा लेने वाले ठेकेदारों को 63 सौ रुपए कट जाएंगे। 35 हजार 700 में काम कैसे करा पाएंगे इसका जबाव कोई नहीं दे पा रहा है। ठेकेदार भी इस बात से इंकार नहीं करते हैं कि कार्य अच्छा हो पाएगा। यही हश्र अन्य योजनाओं की है। कार्यपालक अभियंता विनोद बिहारी शर्मा ने बताया कि संवेदकों द्वारा 15 प्रतिशत से कम दर पर निविदा डाले जाने से न सिर्फ चिंता बढ़ी है बल्कि परेशानी भी बढ़ गई है। चाहकर भी कार्य की गुणवत्ता में सुधार नहीं लाया जा सकता है। लिहाजा घटिया कार्य कराने वाले संवेदकों पर प्राथमिकी दर्ज करना पडे़गा।

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