इस ब्लॉग में औरंगाबाद(बिहार) से संबंधित वैसे खबरों को पोस्ट किया जाता है, जिसपर वरीय पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना अत्यावश्यक लगे । इसके सेटिंग में मुख्य सचिव (बिहार), पुलिस महानिदेशक (बिहार), जिला पदाधिकारी (औरंगाबाद), पुलिस अधीक्षक (औरंगाबाद) तथा माननीय मुख्यमंत्री (बिहार) का इमेल आईडी फीड किया हुआ है, जिससे ब्लॉग पोस्ट की एक प्रति स्वतः उनके पास पहुँच जाती है । यह बिल्कुल से अखबारों में छपे मूल समाचार होते हैं और मेरा उद्देश्य इन खबरों को वरीय पदाधिकारियों तक पहुँचाना मात्र है ।
Monday, 4 June 2012
FCI के मनमानी से बिहार राज्य खाद्य निगम और मिलरों को परेशानी.
मुफस्सिल थाना के पास एफसीआई के गोदाम पर पैसे के खेल में चावल उतारने का सिस्टम फेल हो गया है। रोस्टर के अनुसार ट्रकों पर लदे चावल का उतार नहीं हो रहा है। एफसीआई के पेंच से एसएफसी की परेशानी बढ़ गई है। हालात यह है कि जीटी रोड पर चावल लदे ट्रक दस दिनों से खड़े हैं। चालक इस इंतजार में बैठे रहते हैं कि कब उनका नंबर आएगा। गर्मी के इस तपिश में ट्रक चालक एवं सहचालक भूख और प्यास से बिलबिला रहे हैं। ट्रक चालक प्रमोद यादव, सुरेन्द्र सिंह, रामाशीष कुमार ने बताया कि दस दिनों से चावल खाली कराने के लिए जीटी रोड पर इंतजार कर रहे हैं। यहां न तो पानी मिल रहा है न भोजन। ट्रकों पर लदे चावल खाली नहीं होने से मिलर एवं ट्रांसपोर्टर चावल का सीएमआर करने से हाथ खड़ा कर दिया है। मिलर अश्रि्वनी सिंह, छोटे लाल पाण्डेय, उमाशंकर सिंह, जितेन्द्र सिंह ने बताया कि एफसीआई के केन्द्र पर पैसे का खेल चल रहा है। जिन ट्रकों द्वारा पैसा दिया जा रहा है उसे एफसीआई के डीपो इंचार्ज द्वारा चावल का उतराव किया जा रहा है। एफसीआई हाथ से सिलाई किए गए बोरे को लेने से इंकार कर दिया है। मिलरों ने कहा कि पहले यह सूचना नहीं दी गई थी। एफसीआई के द्वारा सिस्टम में सुधार नहीं किया गया तो चावल के सीएमआर नहीं करेंगे। ट्रांसपोर्टर अशोक सिंह ने बताया कि अब चावल लदे ट्रक खाली नहीं होने से परेशानी बढ़ गई है। ट्रक दस दिनों तक एफसीआई गोदाम के पास खड़ा रहता है जिस कारण भाड़ा नहीं मिल पा रहा है। एसएफसी के जिला प्रबंधक वकील प्रसाद सिंह ने बताया कि एफसीआई के पेंच से परेशानी बढ़ गई है। पहले एफसीआई के द्वारा यह बात नहीं कही गई थी कि हाथ से सिलाई किए गए बोरे को नहीं लेंगे। सवाल उठता है कि एफसीआई ने जो पेंच लगाया है उससे दस दिनों से खड़े ट्रकों को वापस लौटना पड़ेगा। एफसीआई के इस सिस्टम से चावल खरीद का लक्ष्य भी पूरा नहीं होगा। 10 लाख 70 हजार क्विंटल चावल खरीदगी का लक्ष्य है परंतु अब तक एक लाख 87 हजार 110 क्विंटल ही खरीदगी कर पाई है। एफसीआई के डीपो इंचार्ज संजय सिंह ने बताया कि रोस्टर के अनुसार चावल उतारा जा रहा है। ट्रकों से पैसा लेने क ी बात से इंकार करते हुए कहा कि 1 जून से यह नियम आ गया है कि हाथ से सिलाई किए गए बोरे में लदे चावल को नहीं लेना है। गोदाम भरा रहने के कारण चावल का उतराव नहीं हो पा रहा है।
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