इस ब्लॉग में औरंगाबाद(बिहार) से संबंधित वैसे खबरों को पोस्ट किया जाता है, जिसपर वरीय पदाधिकारियों का ध्यान आकर्षित कराना अत्यावश्यक लगे । इसके सेटिंग में मुख्य सचिव (बिहार), पुलिस महानिदेशक (बिहार), जिला पदाधिकारी (औरंगाबाद), पुलिस अधीक्षक (औरंगाबाद) तथा माननीय मुख्यमंत्री (बिहार) का इमेल आईडी फीड किया हुआ है, जिससे ब्लॉग पोस्ट की एक प्रति स्वतः उनके पास पहुँच जाती है । यह बिल्कुल से अखबारों में छपे मूल समाचार होते हैं और मेरा उद्देश्य इन खबरों को वरीय पदाधिकारियों तक पहुँचाना मात्र है ।
Wednesday, 10 October 2012
पैसे जनता के, माल अधिकारी का !
।। गोपाल प्रसाद सिंह ।।
औरंगाबाद कार्यालय : शहर की जनता टैक्स के रूप में नगर परिषद को जो पैसे दे रही है, उसका जम कर दुरुपयोग हो रहा है. एक ताजा मामला सामने आया है. नगर परिषद में कार्यपालक पदाधिकारी के पद पर बैठे साहब से जुड़ा है यह मामला. पता चला है कि कार्यपालक पदाधिकारी महोदय ने नगर परिषद के पैसे से लाखों रुपये के सामान खरीदे और इन सामग्रियों को उन्होंने निजी उपयोग में लगा रखा है.
नगर परिषद कार्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक कार्यपालक पदाधिकारी ने कीमती पलंग, सोफा, रेफ्रिजरेटर, डाइनिंग टेबल, टीवी, कंप्यूटर और पीने के पानी के लिए ओरो की खरीद की. अब सारे सामान साहब के आवास पर हैं.
यह भी पता चला है कि कुछ सामग्रियां नगर परिषद के नये कार्यालय के नाम पर खरीदी गयी हैं, लेकिन ये कार्यालय में होने की जगह साहब के आवास की शोभा बढ़ा रही हैं. नगर परिषद के कुछ पार्षदों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर यह भी कहा कि एक दिन साहब (कार्यपालक पदाधिकारी) नगर परिषद कार्यालय से प्लास्टिक की कुर्सियां भी उठा कर अपने आवास में ले गये.
जब पार्षदों ने इसका विरोध करते हुए पूछा कि वे लोग आखिर ऑफिस में क्या जमीन पर बैठेंगे, तो दूसरे दिन कार्यपालक अधिकारी ने अपने ही वाहन पर लाद कर प्लास्टिक की कुछ कुर्सियां ऑफिस में भेज दिये. बाकी जो भी समान खरीदे गये वे साहब के बंगले की शोभा बढ़ा रहे हैं.
इस संबंध में जब मुख्य पार्षद श्वेता गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी जानकारी मिली है कि नगर परिषद के पैसे से कई सामान खरीदे गये हैं, लेकिन खरीदारी उनके कार्यकाल की नहीं है. यह भी कि वह कागजात चेक कर रही हैं. इस पर पार्षदों की बैठक बुलायेंगी और फिर इस संबंध में कोई निर्णय लेंगी.
इधर जब इस संबंध में कार्यपालक पदाधिकारी शत्रुजय मिश्र से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया, तो उनके मोबाइल नंबर 9470488459 पर लगातार घंटी बजती रही और वह बार-बार फोन काटते रहे. एक बार उन्होंने फोन रिसिव किया, लेकिन कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिये. उन्होंने केवल यह कहा कि ऊपरोक्त सामग्रियों की खरीदारी एकाउंट से नहीं की गयी है.
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