Saturday, 30 March 2013

भवन निर्माण में मार्च लूट की थी तैयारी

भवन निर्माण विभाग कार्यालय में मार्च लूट की पुख्ता तैयारी थी। करीब 75 लाख रुपये का टेंडर अखबारों में बिना प्रकाशन के कार्यपालक अभियंता अवध किशोर ने ठेकेदार से मैनेज कर लिया। हद यह कि निविदा के लिए जो शर्ते निकाली उसे पूरा नहीं किया। ठेकेदार परिमाण विपत्र के लिए कार्यालयों का चक्कर लगाते थक गए। सहायक अभियंता ने ठेकेदार कृष्णाकांत एवं विनय कुमार सिंह को लिखित रूप में दिया कि मेरे पास परिमाण विपत्र उपलब्ध नहीं है। परिमाण विपत्र के बिक्री की तिथि 30 एवं निविदा प्राप्ति की तिथि 31 जनवरी प्रकाशित की गई थी। डीएम आवास के गार्ड बैरक का मरम्मती कार्य 3 लाख 13 हजार 390 रुपये से होना था। जिला अतिथि गृह में 1 लाख 25 हजार रुपये से वार्षिक मरम्मती कार्य, ब्लाक कालोनी स्थित बी टाइप आवास का मरम्मती, दानी बिगहा स्थित ईवन एवं ईटू के आवास में सेफ्टी टैंक का मरम्मती, शाहपुर स्थित सरकारी भवन की मरम्मती, जिला एवं सत्र न्यायाधीश के आवास की मरम्मती, जजेज कालोनी, दाउदनगर में पीओ के क्वार्टर के किचेन, बाथरुम में टाइल्स, समाहरणालय कार्यालय स्थित एनआईसी कार्यालय का जीर्णोद्धार समेत 18 कार्यो के लिए निविदा निकाली गई थी। सिन्हा कालेज परिसर स्थित पुराने छात्रावास की मरम्मती, जलापूर्ति अधिष्ठान कार्य एवं छात्रावास के चहारदीवारी निर्माण कार्य के लिए निविदा निकाली गई थी। छात्रावास का चहारदीवारी निर्माण 18 लाख 70 हजार 472 रुपये से होनी थी। ठेकेदार कृष्णाकांत शर्मा एवं विनय कुमार सिंह की माने तो कार्यपालक अभियंता ने पैसा लेकर टेंडर मैनेज किया। मार्च लूट की तैयारी पूरी कर ली थी। ठेकेदारों ने सवाल उठाया कि जब प्रत्येक कार्यो के लिए अखबार में निविदा प्रकाशित करना है तो 75 लाख रुपये के कार्य का प्रकाशन क्यों नहीं हुआ। ठेकेदारों ने कहा कि डीएम एवं डीडीसी ने जांच किया परंतु अब तक कार्यपालक अभियंता के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। अधिकारी मामले को रफादफा करने में लगे हैं। कार्यपालक अभियंता ने बताया कि मेरे खिलाफ लगे आरोपों की जांच अधिकारी कर रहे हैं। हम इस संबंध में कुछ नहीं कहेंगे। बता दें कि कार्यपालक अभियंता के खिलाफ मंगलवार डीएम एवं डीडीसी ने आठ घंटे तक जांच की थी। कर्मचारियों एवं ठेकेदार का बयान कलमबंद किया था।

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