Sunday, 10 July 2011

बीईओ के पत्र से शिक्षा विभाग में कोहराम

रफीगंज (औरंगाबाद), निज प्रतिनिधि : शिक्षा विभाग में सबकुछ जायज है। कभी कोई कर्मी डीएम के हस्ताक्षर से पत्र निकालता है तो कभी बीईओ शिक्षक नियोजन में गड़बड़ी की जांच में दो पत्र निकालते हैं। रफीगंज बीईओ मोजीब अंसारी ने तो हद कर दी। एक ही पत्रांक व दिनांक से उन्होंने दो पत्र निकाले। मामला भेटनिया पंचायत में शिक्षक नियोजन से संबंधित है। पत्र की चर्चा शिक्षा विभाग में खूब हो रही है। शिक्षक अभ्यर्थी में बवाल मचा है। बताया जाता है कि भेटनिया पंचायत के शिक्षक बहाली में धांधली की गई थी। इसकी शिकायत अधिक अंक वाली अभ्यर्थी मिंटू सिन्हा ने डीएम के जनता दरबार में की। बताया कि हमसे कम अंक के अभ्यर्थी मंजु कुमारी का चयन मुखिया एवं पंचायत सचिव ने पैसा लेकर कर दिया है। डीएम ने मामले की जांच डीएसई को दिया। डीएसई ने बीईओ को जांच कर रिपोर्ट देने का कहा। बीईओ ने डीएम कार्यालय में जो जांच रिपोर्ट भेजा उसमें मंजू की बहाली को गलत बताया गया। मिंटू सिन्हा को अधिक अंक होने के बावजूद बहाली न करने की बात कही। बीईओ के पत्रांक 139 दिनांक 30 जनवरी 2011 से यह पत्र निर्गत हुआ। इसी पत्रांक से बीईओ ने दूसरा पत्र निर्गत किया जिसमें मिंटू सिन्हा के काउंसलिंग में शामिल नहीं होने की बात कही। दूसरे पत्र में ज्यादा अंक होने के बावजूद मिंटू सिन्हा की बहाली मुखिया एवं सचिव द्वारा नहीं करने की बात कही। मामला अपीलीय प्राधिकार के यहां चल रहा है। यहां दोनों पत्र संलग्न है। पूछे जाने पर बीईओ ने बताया गलती से इस प्रकार का जांच प्रतिवेदन लिखा गया है। पहले जांच प्रतिवेदन को नियोजन इकाई को फाड़ने का निर्देश दिया गया था परंतु उसने ऐसा नहीं किया। बीईओ की गलती से उच्च अंक वाली अभ्यर्थी मिंटू कार्यालयों का चक्कर लगाते थक चुकी है। दर्जनों बार डीएम के जनता दरबार एवं अपीलीय प्राधिकार के यहां गई परंतु उसे अब तक न्याय नहीं मिला। मामले में बीईओ के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी उठने लगी है। बताया जाता है कि बीईओ के कार्यालय में दलाल सक्रिय हैं। पैसे के फेरा में कार्यालय से ऐसे कई पत्र निर्गत हुए हैं।

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